उत्तर प्रदेश के मेले / उत्सव

उ. प्र. के मेले / उत्सव 
  • माघ मेला - इलाहाबाद में { जनवरी/फरवरी- गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम }
  • रथ मेला - मथुरा जिले के वृन्दावन में { चैत्र माह में - भगवान रंगनाथ के सम्मान में }
  • गौ चारण मेला - मथुरा में { यह कार्तिक माह की अष्टमी तिथि में }
  • नौचंदी मेला - मेरठ में { इस मेले में महान संत ' सैयद सालार' को श्रद्धांजलि देते हैं । }
  • शाकुंभरी मेला - सहारनपुर में { साल में दो बार नवरात्रि के दौरान }
  • खिचड़ी मेला - गोरखपुर में ( गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति को )
  • गोला गोकर्णनाथ मेला - लखीमपुर खीरी
  • रामायण मेला - चित्रकुट (बांदा)
  • नाक-कटैया मेला - वाराणसी
  • सोरो मेला- कासगंज
  • आयुर्वेद मेला महोत्सव - झांसी
  • मकनपुर मेला - बिल्लौर ( कानपुर )
  • लटठमार होली - बरसाना ( मथूरा )
  • कालिंजर मेला - बांदा
  • रामनवमी मेला - अयोध्या
  • बिठुर गंगा महोत्सव - कानपुर
  • कैलाश मेला - आगरा
  • श्रृंगीरामपुर मेला -फरूर्खाबाद
  • वैरिया घाट मेला - हरदोई
  • देवी पाटन मेला - बलरामपुर
  • सैययद सलार मेला - बहराइच
  • गोविन्द साहब मेला - अम्बेड़कर नगर
  • हरिदास जयन्ति मेला - वृंदावन मथुरा
  • परिक्रमा मेला - अयोध्या
  • वाटर स्पोर्टस फेस्टिवल - प्रयागराज
  • ढ़ाई घाट मेला - शाहजहॅापुर
  • रामबारात मेला - आगरा
  • रामनगरिया मेला - फरूर्खाबाद
  • नैमीषारण्य मेला - सीतापुर
  • सुलहकुल उत्सव - आगरा
  • सरधना उत्सव - मेरठ
  • कल्कि महोत्सव - संभल
  • कम्पिल महोत्सव - फरूर्खाबाद
  • सैफई महोत्सव - इटावा
  • गगा महोत्सव - वाराणसी
  • ददरी पशु मेला - लिया जिले में ( कार्तिक पूर्णिमा )
गोविन्द शाह का मेला - अम्बेडकरनगर
  • यह मेला मकर संक्रांति को लगता है जो 15 दिनों तक चलता है।
  • यहाँ गन्ना चढ़ाया जाता है।
  • इस मेले में मिलने वाली एक मिठाई 'सोहन हलवा' का विशेष महत्व है। 
देवा शरीफ मेला - बाराबंकी जिला
  • कार्तिक माह के दौरान
  • महान सूफी संत वारिस अली शाह की दरगाह पर आयोजित किया जाता है ।
कुम्भ मेला - हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में
  • 12 वर्षों के दौरान चार बार आयोजित
  • गंगा नदी पर हरिद्वार में, 
  • शिप्रा पर उज्जैन में, 
  • गोदावरी पर नासिक में,
  • गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर प्रयागराज में 
नैमिषारण्य का मेला - सीतापुर जिले में
  • नैमिषारण्य को 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि माना जाता है 
  • इसे मेले को अमावस्या का मेला के नाम से जाना जाता है।
गढ़मुक्तेश्वर का मेला - हापुड़
  • हर साल कार्तिक पूर्णिमा के गंगा स्नान के साथ इस मेले की शुरुआत होती है।
  • यहाँ भी एक पशु मेले का आयोजन होता है।
  • महाभारत काल में यह हस्तिनापुर की राजधानी हुआ करता था।
  • यहाँ मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर है।
Exam Point :
  1. सर्वाधिक मेला कहां लगता है - मथुरा में
  2. भारत का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। - ददरी पशु मेला

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