उत्तर प्रदेश में राजस्व

उत्तर प्रदेश में राजस्व

किसी भी राज्य के विकास का सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत राजस्व ही होता है।

UP राजस्व विभाग का 
  • उच्चतर प्राधिकारी- राजस्व सचिव
  • महत्वपूर्ण विभागाध्यक्ष ?- राजस्व परिषद (स्थापना 1831)
UP राजस्व परिषद का 
  • प्रशासनिक कार्यालय ?- लखनऊ में है।
  • न्यायिक कार्यालय ?- इलाहाबाद में
प्रशासन वरीयता क्रम (राजस्व ) :
  • राज्यपाल > जिलाधिकारी >उप जिलाधिकारी > नायाब तहसीलदार > कानून गो >लेखपाल >अमीन
  • UP में भू-अभिलेखों का रख-रखाव करता है?- जिलाधिकारी
  • राज्य का सबसे बड़ा राजस्व अधिकारी ?- राज्यपाल
  • जिला का सबसे बड़ा राजस्व अधिकारी ?- कलेक्टर
  • जिला स्तर पर राजस्व एकत्र करने वाला सबसे बड़ा अधिकारी ?- जिलाधिकारी
  • सबसे छोटा न्यायिक पद ?- नायाब तहसीलदार
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) :
  • इस बोर्ड को राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 से अधिकार प्राप्त है। 
  • CDBT के अध्यक्ष व सदस्य भारतीय राजस्व सेवा से चुने जाते है।
  • इसमें एक अध्यक्ष व 6 पदेन सदस्य होते है।
  • यह वित्त मंत्रालय में राजस्व का हिस्सा है।
  • अध्यक्ष- भारत सरकार का पदेन विशेष सचिव
UP Exam Point :
  • कलेक्टर अपने जिले की समस्त तहसीलों व ग्रामों के प्रशासन की देख रेख / सभी कार्यों पर नियंत्रण भी करता है।
  • विकास खण्ड के लिए विकास के लिए BDO तथा गाँवों के लिए VDO होता है।

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