चेदी राजवंश , शुंग , कण्व वंश

चेदी राजवंश 

अशोक की मृत्यु के उपरांत संभवत: प्रथम शताब्दी ई.पू. में कलिंग में चेदी राजवंश / महामेघवाहन  / कलिंग राजवंश  का उदय हुआ।

चेदी राजवंश की जानकारी हमें हाथी गुम्फा अभिलेख ( भुवनेश्वर, उड़ीसा ) से मिलती है। 

हाथी गुम्फा अभिलेख :
  • कलिंगराज खारवेल ने उत्कीर्ण कराया था।
  • यह लेख प्राकृत भाषा में है।
  • कलिंग शासक खारवेल के बारे में जानकारी का मुख्य स्रोत है।
खारवेल इस वंश का एक प्रतापी राजा था।
  • धर्म - जैन धर्म 
  • खारवेल कलिंगा (ओडिशा) के महामेघवाहन राजवंश के सबसे बड़े राजा थे, वह चेदी कबीले के थे।
  • इसने जैन मुनियों के लिए उदयगिरि की पहाड़ी में गुफा का निर्माण करवाया था।

ब्राह्मण साम्राज्य
शुंग राजवंश :
शासन काल - 185 ई.पू.से 73 ई.पू. 
वैदिक पुन:जागरण का काल

  • संस्थापक - पुष्यमित्र शुंग
  • जाति - ब्राह्मण
  • राजभाषा- संस्कृत
  • राजधानी -   विदिशा
  • पुष्यमित्र शुंग ने अशोक से 84000 स्तूप को तुड़वा दिया था।
  • भरहूत स्तूप का निर्माण पुष्यमित्र शुंग ने करवाया।
  • इण्डो-यूनानी शासक मिनांडर को पुष्यमित्र शुंग ने पराजित किया।
  • पुष्यमित्र शुंग ने दो बार अश्वमेध यज्ञ किया।  पतंजलि के महाभाष्य से हमें दो बातों का पता चलता है - इनके लिए पतंजलि ने अश्वमेध यज्ञ कराए।
  • यवन (Indo-Greek) नेता डेमेट्रियस का आक्रमण इसी के समय में हुवा।
  • उत्तराधिकारी : 
  • अग्निमित्र 
  • वसुज्येष्ठ
  • वसुमित्र
  • देवभूति ( अंतिम शासक )
  • अग्निमित्र द्वारा विदर्भ युद्ध लड़ा गया इसमें यज्ञसेन पराजित हुआ और विदर्भ राज्य दो भागों में बाँट दिया गया। वर्धा नदी ( MP में ) दोनों राज्यों की सीमा मान ली गयी।
  • देवभूति की हत्या 73 ईसा पूर्व में वासुदेव ने कर दी और मगध की गद्दी पर कण्व वंश की स्थापना की
कण्व / काण्वायान वंश
शासन काल - 73 ई.पू.से 30 ई.पू.

वासुदेव कण्व :
  • कण्व वंश संस्थापक - वासुदेव कण्व
  • राजधानी - विदिशा  ( MP)
  • उत्तराधिकारी : 
    • भूमिमित्र ( सार्वाधिक समय राज्य करने वाला कण्व शासक 14 वर्ष )
    • नारायण 
    • सुशर्मा। ( कण्व वंश के अंतिम राजा )
  • कण्व साम्राज्य पर किसने आक्रमण किया था? - शकों ने
  • पुराणों के अनुसार. कण्व वंश के राजाओं को “शुंग भृत्य” नाम से जाना जाता हैं।
  • 10 वर्षों तक सुशर्मा ने शासन किया था।
  • शिमुक ने 60 ईसा पूर्व में सुशर्मा की हत्या कर दी और सातवाहन वंश की स्थापना की।

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