भारतीय संस्कृति में वेद मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। 'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् धातु से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'ज्ञान'
- वेद अपौरुषेय है, दैवीय ज्ञान है।
- वेदों का संकलन किया गया है ,रचना नहीं।
- संकलनकर्ता - कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास
वेद 04 है।
- ऋग्वेद ( सबसे बड़ा, प्राचीन तथा प्रथम वेद हैं।)
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद ( सबसे नया ,सबसे बाद का वेद है )
- इन चार वेदों को संहिता कहा जाता है ।
- ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद तीनो को वेदत्रयी कहा जाता है।
01. ऋग्वेद
- मंडल - 10 { (2 - 9 प्राचीन ) (1, 10 नवीन मंडल )}
- अष्टक - 08 ( प्रत्येक अष्टक में आठ अध्याय हैं। )
- सूक्त - 1028 { शाकल 1017 + वालखिल्य 11}
- मंत्र / ऋचाएँ - 10462
- शब्द - 1,50,000 है।
- विशेषता - यह काव्य शैली में लिखा गया ग्रंथ है। इसमें आर्य की राजनीतिक प्रणाली , ईश्वर की महिमा और प्रकृति के सौंदर्य व रहस्य का वर्णन है।
प्रमुख मंडल :
- सूर्य देवता सावत्री को समर्पित गायत्री मन्त्र - तीसरे मंडल में ( संकलनकर्ता - विश्वामित्र )
- दशराज्ञ युद्ध का उल्लेख - सातवें मंडल में मिलता है। {( रावी नदी के किनारे तुत्सु राजा सुदास और दस जनजातियों के समूह के बीच लड़ा गया। ) ( राजा सुदास विजय ) }
- सातवें मंडल के संकलनकर्ता - ऋषि वशिष्ठ
- हस्त लिखित रचना खिल का उल्लेख - आठवे मंडल में
- सोम देव का वर्णन - नोवे मंडल में है।
- चार वर्णों / जाति व्यवस्था ( ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र )का उल्लेख - दशवें मंडल के पुरुष सूक्त में है।
ऋग्वेद में किसके लिए कितनी ऋचाएँ :
- इन्द्र / पुरंदर - 250
- अग्नि - 200
- विष्णु - 100
- सिंधु / हिरण्यवि - 55
- सरस्वती - 50 ( ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी है )
- शिव - 03
- यमुना - 03
- गंगा - 01
- ऋग्वेद में सबसे ज्यादा किस नदी का उल्लेख हुआ है? – सिंधु नदी का
- ऋग्वेद से जुड़ी एकमात्र जीवित शाखा है ? - शाकल संहिता
02. यजुर्वेद
- मंडल - 40 , मंत्र - 2000
- विशेषता - इसमें यज्ञ मन्त्र, कर्मकांड, बलि के समय नियमों का वर्णन है।
- यह गद्य एवं पद्य ( चम्पू काव्य )में लिखा गया है।
03. सामवेद
- कुल श्लोक - 1810
- मंत्र - 1875 ( इसमें 1504 ऋग्वेद से लिए गए हैं )
- विशेषता - यह भारतीय संगीत का जनक है । इसमें गायी जा सकने वाली ऋचाओं का संकलन है।
- प्रमुख प्रचलित शाखाएँ हैं? - कौथुम, राणायनीय और जैमीनीय / तलवकार
4. अथर्ववेद / ब्रह्मवेद
- अथर्वा ऋषि द्वारा लिखित इसमें 731 मन्त्र लगभग 6000 पद्य हैं।
- विशेषता - इसमें आयुर्वेद,अन्धविश्वाश,जादू -टोना, वशीकरण,गणित, विज्ञान, समाज शास्त्र, कृषि विज्ञान और मोक्ष आदि का वर्णन है।
- अथर्वेद कन्याओं के जन्म की निंदा करता है।
- इसमें परीक्षित को कुरुओं का राजा कहा गया है।
- सभा एवं समिति को प्रजापति की दो पुत्रियां किस वेद में कहा गया है - अथर्ववेद
- अथर्ववेद का प्रतिनिधि सूक्त माना जाता है ? - पृथिवीसूक्त
उपवेद
विद्याएँ जो वेदों से निकली हुई हैं उपवेद कही जाती हैं,वेद मन्त्रों की व्याख्या के लिए उपवेद लिखे गये हैं। हैं। वेद के उपवेद और वेद के पाठक निम्नलिखित हैं:
- वेद - पाठक - उपवेद
- ऋग्वेद : होत्र - आयुर्वेद ( लेकिन सुश्रुत ने आयुर्वेद को अथर्ववेद का उपवेद बताया है। )
- यजुर्वेद : अध्वर्यु - धनुर्वेद
- सामवेद : उद्रात्र - गंधर्ववेद
- अथर्ववेद : ब्रह्म - शिल्पवेद
ब्राह्मण ग्रंथ
वेदों की व्याख्या करने के लिए ब्राह्मण ग्रंथ गद्य में लिखे गये हैं। इनसे हमें परीक्षित के बाद और बिम्बसार के पूर्व की घटनाओं का ज्ञान प्राप्त होता है। वेद और उनके ब्राह्मण ग्रंथ निम्नलिखित हैं:
- वेद - ब्राह्मण ग्रंथ
- ऋग्वेद - ऐतरेय, कौषितीय /शांखायन
- यजुर्वेद - दो शाखाओं में है। शुक्ल यजुर्वेद का शतपथ और कृष्ण यजुर्वेद का तैतिरीय ब्राह्मण ग्रंथ हैं।
- सामवेद - पंचविश,जैमिनीय, षडविंश
- अथर्ववेद - गोपथ ब्राह्मण ग्रंथ
- ऐतरेय में राज्याभिषेक के नियम एवं कुछ प्राचीन राजाओं के नाम दिए गए हैं।
- शतपथ में गंधार, शल्य, कैकय, कुरु, पंचाल, कोसल, विदेह आदि राजाओं का उल्लेख मिलता है।
- ऋग्वेद के बाद किस का स्थान है। - शतपथ ब्राह्मण का
वेदांग
वेदों के अध्ययन से जुड़े हुए 06 सहायक विषय को वेदांग कहा जाता हैं।
- वेदांग - विशेषता
- शिक्षा - ध्वनियों का उच्चारण।
- निरुक्त - शब्दों का मूल भाव, शब्दावली और शब्द निरुक्त के विषय हैं।
- व्याकरण - संधि, समास, उपमा, विभक्ति आदि का विवरण।
- छन्द - गायन या मंत्रोच्चारण के लिए आघात और लय के लिए निर्देश।
- कल्प - यज्ञ के लिए विधिसूत्र
- ज्योतिष - समय का ज्ञान और उपयोगिता
अन्य परीक्षापयोगी तथ्य :
- क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है ? - बिलकुल भी नहीं
- क्या वेदों में अवतारवाद का माण है ?- नहीं
- किसने यह अह्वान किया की, पुन: वेदों को अपनाएँ ? - दयानंद सरस्वती
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