गुप्त साम्राज्य
शासनकाल 240AD - 540 AD
भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग
प्रमुख शासक :
- श्रीगुप्त - संस्थापक { मतभेद शासनकाल 240 ई. – 280 ई. }
- घटोत्कच
- चंद्रगुप्त I - वास्तविक संस्थापक
- समुद्रगुप्त
- राम गुप्त , चन्द्रगुप्त II { समुद्रगुप्त के पुत्र }
- कुमारगुप्त I { चन्द्रगुप्त II का पुत्र }
- स्कन्दगुप्त
- विष्णु गुप्त - अंतिम शासक
चंद्रगुप्त I ( शासनकाल 319 ई. – 334 ई. ) :
- चंद्रगुप्त I गुप्त वंश के वास्तविक संस्थापक हैं।
- जन्म - पाटलिपुत्र ( वर्तमान बिहार )
- मृत्यु - 335 ईस्वी, पाटलिपुत्र ( मतभेद )
- पत्नी - कुमार देवी ( लिच्छवी वंश की राजकुमारी )
- पुत्र - समुद्रगुप्त
- धर्म - हिंदू
- उपाधि - महाराजाधिराज
- महान सम्राट ने 319 ई. में गुप्त संवत चलाया।
- इन्होने राजा -रानी का सिक्का चलाया।
- इसे वैशाली दहेज में प्राप्त हुआ।
- सोने का सिक्का चलाया।
समुद्रगुप्त ( 335 ई. - 380 ई. ) :
- पुत्र - राम गुप्त , चन्द्रगुप्त II
- उपाधि - कविराज, अश्मेधा, धर्म प्रचार बंधु, परम भागवत, परम क्रमांक
- समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन वी. ए. स्मिथ ने कहा था ( अपनी पुस्तक The early history of India में )
- यह परमभागवत की उपाधि धारण करने वाला प्रथम गुप्त शासक था।
- यह संगीत प्रेमी था इनके सिक्के पर वीणा बजाते हुए दर्शाया गया था।
- समुद्रगुप्त ने उत्तर / आर्यावर्त के 9 राजाओं, दक्षिण के 12 राजाओं को हराया था।
- प्रयाग प्रशस्ति लेख - समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित लेख था। इस लेख को समुद्रगुप्त द्वारा कौशाम्बी से लाये गए अशोक स्तंभ पर खुदवाया गया था।
- इनकी सेना में नौसेना भी थी
राम गुप्त :
- कमजोर शासक थे।
- पत्नी - ध्रुवदेवी
चन्द्रगुप्त II ( 380 ई. - 414 ई. ):
- उपाधि - विक्रमादित्य, सकरी देवगुप्त / देवश्री / देवराजा, परम भागवत
- पत्नी - ध्रुवदेवी
- पुत्री - प्रभावती गुप्त ( इसकी शादी वाकाटक नरेश रुद्र II से हुई थी )
- शकों को हराया और विजय के उपलक्ष्य में चन्द्रगुप्त II ने चाँदी के सिक्के चलाए।
- चन्द्रगुप्त-II का सान्धिविग्रहिक ( विदेश मंत्री ) सचिव वीरसेन था जिसने शिव की पूजा के लिए उदयगिरि पहाड़ी पर एक गुफा का निर्माण करवाया था। वीरसेन व्याकरण, न्यायमीमांसा एवं शब्द का प्रकाण्ड पंडित तथा एक कवि भी था।
- अनुश्रुति के अनुसार इसके दरबार में नौ विद्वानों ( नवरत्न ) की एक मंडली निवास करती थी -
- कालिदास , धन्वंतरि ( चिकित्सक ), क्षपणक ( ज्योतिष ), अमरसिंह ( कोशकार ), शंकु ( वास्तुकार ) , वेतालभट्ट ( जादूगर )घटकर्पर ( मुख्य सलाहकार ) वाराहमिहिर ( खगोल विज्ञानी ), वररूचि
कालिदास / भारत के शेक्सपियर की प्रमुख रचनाएँ :
- महाकाव्य - रघुवंश, कुमारसंभव ,
- खण्डकाव्य- मेघदूत, ऋतुसंहार,
- नाटक - अभिज्ञानशाकुंतलम्, विक्रमोर्वशीयम्, मालविकाग्निमित्रम्
वराहमिहिर की प्रमुख रचनाएँ :
- वृहत् संहिता, पंचसिद्धांत, बृहज्जाक और लघुजातक
- मथुरा अभिलेख से पता चला की मथुरा का क्षेत्र कुषाणों से जीता था।
- देवीचन्द्रगुप्तम् ( संस्कृत भाषा ) जो विशाखादेव ने लिखा हैचन्द्रगुप्त-II के बारे में सर्वौधिक जानकरी मिली है।
- इसके शासनकाल में प्रथमचीनी बौद्ध यात्री फाहियान भारत आया।
कुमारगुप्त I / गोविन्दगुप्त ( 414ई. - 454ई.) :
- इसके पुत्र - स्कंदगुप्त और पूरुगुप्त
- माता - ध्रुवदेवी
- उपाधि - महेन्द्रादित्य
- नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त ने की थी ।
- कुमारगुप्त के दामोदरपुर ताम्रपत्र में भूमि बिक्री सम्बन्धी अधिकारियों के क्रियाकलापों का उल्लेख है।
- मोर और कार्तिके के चित्र वाले चांदी के सिक्के चलाए।
स्कन्दगुप्त ( 455ई. - 467ई. ) :
- उपाधि - विक्रमादित्य, कर्मादित्य, देवराजा
- स्कन्धगुप्त ने गिरनार पर्वत पर स्थित सुदर्शन झील का पुनरुद्धार किया।
- स्कन्धगुप्त ने पर्णदत्त को सौराष्ट्र का गवर्नर नियुक्त किया।
- इन्होने शासनकाल में ही हूणों का आक्रमण शुरू हो गया। { जीत - स्कन्दगुप्त } जूनागढ़ स्तम्भलेख से इसकी जानकारी मिली।
- अंतिम गुप्त शासक - विष्णुगुप्त / कुमारगुप्त III
- स्कन्दगुप्त को किस स्तंभ लेख में 'शक्रोपम' कहा गया ? - कहौम स्तंभ लेख { उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में है। इस अभिलेख से जैन तीर्थंकरों की जानकारी मिलती है। }
विशेषताएँ :
- शासकीय भाषा - संस्कृत
- राजचिह्न - विष्णु का वाहन गरुड़
- राजधर्म - वैष्णव धर्म
- व्यापारिक केन्द्र - उज्जैन
- गुप्तवंश के शासकों ने मंदिरों एवं ब्राह्मणों को सबसे अधिक ग्राम अनुदान में दिया ।
- नगरों का क्रमिक पतन गुप्तकाल की महत्वपूर्ण विशेषता थी।
- एरण अभिलेख - यह सती प्रथा का पहला शिलालेख प्रमाण ( 510 ई.) है। इसे भानुगुप्त का अभिलेख कहते हैं। जिसमें किसी भोजराज की मृत्यु पर उसकी पत्नी के सती होने का उल्लेख है ।
- ब्रह्मगुप्त इस युग के महान नक्षत्र वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ थे। उसने यह घोषणा करके न्यूटन के सिद्धांत की पूर्व कल्पना कर ली : “प्रकृति के एक नियम के अनुसार सभी वस्तुएँ पृथ्वी पर गिरती हैं, क्योंकि पृथ्वी स्वभाव से ही सभी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।"
प्रशासनिक इकाई :
- सबसे बड़ी देश - शासक गोप्ना
- दूसरी भूक्ति या प्रांत - शासक उपरिक
- विषय या जिला - प्रमुख विषयपति
- ग्राम-समूहों की छोटी इकाई - पेठ
- प्रशासन की सबसे छोटी इकाई - ग्राम
इस काल में किसे क्या कहा जाता था :
- पुलिस विभाग के साधारण कर्मचारियों- चाट एवं भाट
- पुलिस विभाग का मुख्य अधिकारी - दण्डपाशिक
- न्याय विभाग का अधिकारी - महादण्डनायक
- दान विभाग का अधिकारी - अग्रहारिक
- ग्राम सभा का मुखिया - ग्रामीक एवं अन्य सदस्य महत्तर कहलाते थे ।
- श्रेणी के प्रधान - ज्येष्ठक
- वेश्यावृत्ति करने वाली महिला- गणिका
- वृद्ध वेश्या - कुट्टनी
- चाँदी के सिक्के को - रूप्यक
- सोने के सिक्के को - दिनार
- तांबे के सिक्के को - कोडी
- सिंचाई के लिए प्रयोग यंत्र - रहट या घंटी
भूमि के प्रकार :
- क्षेत्र - कृषि करने योग्य भूमि ।
- वास्तु - वास करने योग्य भूमि ।
- चरागाह भूमि - पशुओं के चारा योग्य भूमि ।
- सिल - ऐसी भूमि जो जोतने योग्य नहीं होती थी।
- अप्रहत - ऐसी भूमि जो जंगली ( बिना जोत हुई ) होती थी ।
प्रसिद्ध रचना
प्रसिद्ध मंदिर :
मंदिर बनाने की कला का जन्म गुप्तकाल में ही हुआ :
- विष्णु मंदिर - तिगवा (जबलपुर, मध्य प्रदेश)
- शिव मंदिर - भूमरा (नागौदा, मध्य प्रदेश)
- पार्वती मंदिर - नयना कुठार, (मध्य प्रदेश)
- दशावतार मंदिर - ( ईंटों द्वारा निर्मित ) - देवगढ़ ( ललितपुर, UP)
- शिव मंदिर - खोह ( नागौद, मध्य प्रदेश )
- लक्ष्मण मंदिर ( ईंटों द्वारा निर्मित ) - भीतर गाँव ( कानपुर UP )
- गुप्तकाल में वैष्णव धर्म संबंधी सबसे महत्वपूर्ण अवशेष देवगढ़ ( जिला-ललितपुर ) का दशावतार मंदिर है।
गुफाएँ :
- अजंता की गुफाएँ बौद्धधर्म की महायान शाखा से संबंधित हैं । ( कुल 29 गुफाएँ )
- वर्तमान में केवल 6 ही शेष हैं, जिनमें गुफा संख्या 16 एवं 17 ही गुप्तकालीन हैं।
- संख्या 16 में उत्कीर्ण मरणासन्न राजकुमारी का चित्र प्रशंसनीय है ।
- संख्या 17 के चित्र को चित्रशाला कहा गया है। इस चित्रशाला में बुद्ध के जन्म, जीवन, महाभिनिष्क्रमण एवं महापरिनिर्वाण की घटनाओं से संबंधित चित्र हैं ।
- बाघ की गुफा है, जो बाघ ( जिला-धार, म. प्र.) नामक स्थान पर विंध्यपर्वत को काटकर बनायी गयी थी ।
ग्रंथ / साहित्य :
- पंचतंत्र (संस्कृत में ) - विष्णु शर्मा द्वारा लिखित
- संसार का सर्वाधिक प्रचलित ग्रंथ माना जाता है। बाइबिल के बाद इसका स्थान दूसरा है। इसे पाँच भागों में बाँटा गया है- 1. मित्रभेद, 2. मित्रलाभ, 3. संधि-विग्रह, 4. लब्ध-प्रणाश, 5. अपरीक्षाकारित्व ।
- आर्यभट्टीयम एवं सूर्यसिद्धान्त नामक ग्रंथ आर्यभट्ट ने लिखे ।
- उसने सूर्यग्रहण एवं चन्द्रग्रहण के वास्तविक कारण बताए।
- आर्यभट्ट पहला भारतीय नक्षत्र वैज्ञानिक थे जिसने घोषणा की कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है।
- पलकाण्व ने पशु-चिकित्सा पर हस्त्यायुर्वेद लिखा।
- नवनीतकम् की रचना गुप्तकाल में की गई है। इस पुस्तक में नुस्खे, सूत्र और उपचार-विधियाँ दी गई हैं।
- याज्ञवल्क्य, नारद, कात्यायन एवं बृहस्पति स्मृतियों की रचना गुप्तकाल में ही हुई।
- शूद्रक का लिखा नाटक मृच्छकटिकम् या माटी की खिलौनागाड़ी जिसमें निर्धन ब्राह्मण के साथ वेश्या का प्रेम वर्णित है, प्राचीन नाटकों में सर्वोत्कृष्ट माना जाता है।
- भास के तेरह नाटक , त्रिमूर्ति की अवधारणा का विकास, पुराणों की वर्तमान रूप में रचना गुप्तकाल में हुई।
- गुप्त राजवंश का पतन कब हुआ था? - 550 AD
- गुप्त राजवंश किस लिए प्रसिद्ध था? - कला एवं स्थापत्य
- उत्तर-गुप्त युग में जो विश्वविद्यालय प्रसिद्ध हुआ, वह था - नालंदा
- श्रीलंका के राजा मेघवर्मन ने बोधगया में भगवान् बुद्ध का मंदिर बनवाने के लिए किससे अनुमति मांगी थी ? - समुद्रगुप्त से
- मंदिर निर्माण कला का जन्म सर्वप्रथम कब हुआ? - गुप्त काल में
- गुप्त काल के सर्वाधिक लोकप्रिय देवता कौन थे ? - विष्णु
- फाह्यान द्वारा रचित ग्रंथ 'फो-कुओ-की' में निम्न में से किसका विवरण नहीं मिलता है? - बौद्ध धर्म के सिद्धांतों
- गुप्त स्थापत्य कला का सर्वोत्कृष्ट मंदिर निम्न में से कौन है? - देवगढ़ का दशावतार मंदिर
- नगरों का क्रमिक पतन किस काल की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता थी ? - गुप्त काल
- किस वंश के शासकों ने मंदिरों एवं ब्राह्मणों को सबसे अधिक ग्राम अनुदान में दिया था? - गुप्त काल
- परम भागवत' उपाधि धारण करनेवाला प्रथम गुप्त शासक था - समुद्रगुप्त
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