भारतीय संविधान की अनुसूची
भारत के मूल संविधान में मूलतः 08 अनुसूचियाँ थीं. परन्तु वर्तमान में भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियाँ है।
पहली : इस अनुसूची में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नाम और उनकी सीमाएँ का विवरण है।
- यह अनुच्छेद 1 और अनुच्छेद 4 की व्याख्या है।
दूसरी : इसमें देश के विभिन्न उच्च पदाधिकारियों को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन इत्यादि उल्लिखित हैं ।
- उच्च संवैधानिक पदों जैसे राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोक सभा के अध्यक्ष एवम् उपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापति एवम् उपसभापति, राज्य विधान सभाओें के अध्यक्ष एवम् उपाध्यक्ष, राज्य विधान परिषदों के सभापति और उपसभापति, उच्च न्यायालयों एवं उच्चतम् न्यायालय के न्यायाधीशों, नियंत्रक-महालेखा परीक्षक आदि के वेतन व भत्तों का विवरण है।
तीसरी : इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (मंत्री, उच्चतम / उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ) द्वारा पद - ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख किया गया है।
चौथी : राज्यसभा में सदस्यों का प्रतिनिधित्व ( सीटों का आवंटन ) का उल्लेख किया गया है।
पांचवी : इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन तथा नियंत्रण से संबंधित उपबंध है।
छठी : असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के प्रशासन से संबंधित उपबंध है।
- जनजातीय लोगों (आदिवासियों) के अधिकारों की रक्षा का प्रावधान करती है।
- अनुच्छेद 244 (2) और 275 (1) विशेष प्रावधान
सातवीं : इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बंटवारे के बारे में बताया गया है।
इसमें 03 सूचियाँ है : -
- इसके विषयों पर केंद्र सरकार कानून बनाती है। { विषय - मूल 97 , वर्तमान 100 }
- प्रमुख विषय - रक्षा, रेलवे, पोस्ट और टेलीग्राफ़, आयकर, कस्टम ड्यूटी
- इसके विषयों पर राज्य सरकार कानून बनाती है। { विषय - मूल 66, वर्तमान 61}
- प्रमुख विषय - पुलिस, परिवहन, सार्वजनिक व्यवस्था ,स्वास्थ्य, कृषि, जेल, उत्पादन, विनिर्माण,
- इसके विषयों पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं। परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है। { विषय - मूल 47, वर्तमान 52 }
- प्रमुख विषय - शिक्षा, वन, विवाह ,दत्तक अभिग्रहण, जनसंख्या नियंत्रण, वन्यजीवों और जानवरों की सुरक्षा
आठवीं: इसमें भारत की 22 भाषाओँ का उल्लेख किया गया है।
मूल संविधान में कुल 14 भाषाएँ थीं।
- 21 वाँ संशोधन 1967 में सिन्धी,
- 71वाँ संविधान 1992 में कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली,
- 92वें 2003 में बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को जोड़ा गया जो 2004 में लागू हुआ।
नौवीं : नवीं अनुसूची में राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है।
- नौवीं अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है। .
- प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम 1951 के द्वारा जोड़ी गई।
दसवीं : इसमें दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है।
- 52वें संविधान संशोधन अधिनियम 1985 के द्वारा जोड़ी गई।
ग्यारहवीं : इस अनुसूची के आधार पर ‘पंचायती राजव्यवस्था’ को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है।
- इसमें 29 विषय हैं।
- इस अनुसूची को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया।
बारहवीं : इसमें नगरपालिकाओं की शक्तियाँ, अधिकार और जिम्मेदारियाँ शामिल हैं।
- इस अनुसूची के आधार पर शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं का उल्लेख कर उन्हें संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है।
- इसमें 18 विषय हैं।
- इस अनुसूची को 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया।
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