संवैधानिक विकास

संवैधानिक विकास

1600 ई0 का राजलेख ( चार्टर ) :  ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी वर्ष 1600 में एक व्यापारिक कंपनी के रूप में स्थापित हुई। इंग्लैण्ड की महारानी एलिज़ाबेथ-I ने कम्पनी को पूर्वी देशों के साथ व्यापार की अनुमति प्रदान की थी।
  • कंपनी को नाम दिया - 'द गवर्नर एंड कंपनी ऑफ़ मर्चेंट्स ऑफ़ लंदन ट्रेडिंग इन ईस्ट इंडीज़'
  • कंपनी ने मुगल बादशाह जहांगीर से व्यापार और सूरत में कारखाना लगाने की इजाज़त ली थी।
  • 1 जनवरी, 1874 को कंपनी को भंग कर दिया गया था।
1726 के राजलेख : 
  • कम्पनी को सीमित मात्रा में नियम, उपनियम , अध्यादेश जारी करने की शक्ति दी गई।
  • कलकत्ता , बम्बईं तथा मद्रास प्रेसीडेन्सी के गर्वनरों को विधि बनाने की शक्ति दी गई।
प्लासी का युद्ध (1757 ) - रॉबर्ट क्लाइव VS बंगाल नवाब सिराज-उद-दौला
बक्सर युद्ध (1764 )मेजर हेक्टर मुनरो VS बंगाल के नवाब मीर कासिम + बनारस राज्य के महाराजा बलवंत सिंह + अवध के नवाब शुजा-उद-दौला  + मुगल साम्राज्य शाह आलम II { अंग्रेजों ने जीत लिया और ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन बंगाल पर हो गया। }
  • बंगाल के प्रथम गवर्नर - रॉबट क्लाइव
इसके बाद समय-समय पर अनेक एक्ट पारित किये जो भारतीय सविधान के विकास की सीढियां बनी।
पारित प्रमुख एक्ट 

ईस्ट इण्डियां कम्पनी के लिए/द्वारा पारित एक्ट ब्रिटिश क्राउन (ब्रिटिश संसद) द्वारा पारित एक्ट
रेगुलेटिंग एक्ट, 1773 भारत सरकार अधिनियम, 1858
एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, 1781 भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
पिट्स इंडिया एक्ट, 1784 भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
चार्टर अधिनियम, 1793 मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम, 1909
चार्टर अधिनियम, 1813 मांटेग्यू-चम्सफोर्ड सुधार अधिनियम, 1919
चार्टर अधिनियम, 1833 भारत शासन अधिनियम, 1935
चार्टर अधिनियम, 1853 भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947

रेगुलेटिंग एक्ट 1773 :
  • इसके तहत बंगाल के गवर्नर का नाम बदल कर गवर्नर जनरल रखा गया और प्रथम गवर्नर जनरल नियुक्त हुआ - वारेन हेस्टिंग्स
  • बंगाल की सर्वोच्च परिषद पर गवर्नर-जनरल के साथ काम करने के लिए 04 सदस्य जॉन क्लेवरिंग, जॉर्ज मॉन्सन, रिचर्ड बारवेल और फिलिप फ्रांसिस नियुक्त किये।
  • बम्बईं तथा मद्रास प्रेसीडेन्सी बंगाल के गवर्नर-जनरल के नियंत्रण में किये।
  • कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय (1774 में ) की स्थापना की गई थी। { प्रथम मुख्य न्यायाधीश सर एलीजा इम्पी  तथा अन्य न्यायाधीश चेम्बर्ज, लिमैस्टर और हाइड को नियुक्त कर दिया गया  }
एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट 1781 :

  • रेगुलेटिंग एक्ट 1773 की कमियों की दूर किया।
  • इसके तहत कलकत्ता की सरकार को बिहार, बंगाल, उड़ीसा के लिए कानून बनाने का प्राधिकार मिला।
पिट्स इंडिया एक्ट 1784 :
  • गवर्नर जनरल की परिषद के सदस्यों को 04 से 03 कर दिया।
  • कंपनी द्वारा भारत में ब्रिटिश संपत्ति का दोहरा नियंत्रण हुआ। { (बोर्ड ऑफ़ कण्ट्रोल - राजनीति मसलों के लिए ) (बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स - व्यापारिक मसलों के लिए ) }
  • इंग्लैण्ड में एक कोर्ट की स्थापना की गई जो भारत में स्थापित कोर्ट के अधिकारियों के अवैध कार्य के मुकदमें देखेगी।

1793 का राजलेख : 
  • इस अधिनियम ने कंपनी को भारत में ब्रिटिश क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण जारी रखने की अनुमति दी।
  • नियंत्रण बोर्ड के सदस्य और कर्मचारी का वेतन भारतीय राजस्व से दिया जायेगा प्रावधान किया गया

1813 का राजलेख :
  • ईसाई धर्म प्रचारकों को भारत में धर्म प्रचार करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
  • भारत के साथ व्यापार पर कंपनी के एकाधिकार को समाप्त कर दिया। परन्तु चीन से चाय का व्यापार ऐसे ही चलता रहेगा
  • कंपनी द्वारा 1 लाख रुपया भारतियों की शिक्षा पर खर्च करने का प्रावधान किया गया
  • कंपनी का अधिकार अगले 20 वर्षो के लिए बढ़ा दिया गया
1833 का राजलेख :
  • चीन से व्यापार पर कंपनी के एकाधिकार को समाप्त कर दिया।
  • विधि आयोग का गठन किया गया, इसकी अध्यक्षता लॉर्ड मैकाले ने की थी।
  • बंगाल के गवर्नर जनरल को पुरे भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया और भारत के प्रथम गवर्नर जनरल नियुक्त हुआ - लॉर्ड विलियम बेंटिक
  • दासप्रथा का अंत 1843 में कर दिया गया था। - एलनबरो द्वारा
1853 का राजलेख :
  • सिविल सेवा परीक्षा की शुरुआत हो गई थी और 1854 लार्ड मैकाले समिति की नियुक्त की गई।
  • इसके तहत कार्यपालिका एवं विधायिका सम्बंधी शक्तियों का पृथक्करण हुआ और गवर्नर जनरल को वीटो का अधिकार मिला
भारत में सिविल सेवा का जनक - ब्रिटिश जनरल चार्ल्स कॉर्नवालिस
भारत में लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अक्टूबर, 1926 को हुई थी।

भारत शासन अधिनियम 1858 : 
  • कम्पनी का शासन महारानी विक्टोरिया के हाथों में चला गया।
  • भारत का गवर्नर जनरल को भारत का वायसराय बना दिया और भारत के प्रथम वायसराय नियुक्त हुआ लॉर्ड कैनिंग {1856 से 1862 }
  • बोर्ड ऑफ़ कण्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स को समाप्त कर दिया।
  • इसके तहत मुगल सम्राट पद भी समाप्त कर दिया गया।
भारत शासन अधिनियम 1861 : 
  • वायसराय को अध्यादेश जारी करने की शक्ति मिली। जिसे आपातकाल के समय 6 माह के लिए वह जारी कर सकता था।
  • लॉर्ड कैनिंग के द्वारा विभागीय प्रणाली की शुरूवात की गई।
भारत शासन अधिनियम 1892 : 
  • इसके तहत अप्रत्यक्ष चुनाव की शुरूवात हुई थी।
मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम 1909 :
  • इसके तहत साम्प्रदायिक निर्वाचन की शुरूवात हुई जिसके जनक लार्ड मिन्टों है। 
  • साम्प्रदायिक निर्वाचन को लेकर भारत के राज्य सचिव जॉन मॉर्ले ने वायसराय लॉर्ड मिंटो से कहा था "हम नाग के दांत बो रहें है इसका फल भीषण होगा।"
  • केंद्रीय विधान परिषद के सदस्यों की संख्या 16 से बढ़ाकर 60 कर दी गई।
  • वायसराय परिषद मे पहला भारतीय सदस्य सत्येन्द्र प्रसाद सिन्हा को नियुक्त किया गया।
मांटेग्यू -चम्सफोर्ड सुधार अधिनियम / रोलेट एक्ट 1919 / ब्लैक एक्ट:
  • इसके तहत साम्प्रदायिक निर्वाचन का विस्तार किया गया, जिसमें सिक्ख, इसाई, समान्य वर्ग बने।
  • महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया गया।
  • प्रान्तों में द्वैध शासन की स्थापना की गई। { भारत में द्वैधशासन प्रणाली की शुरुआत रॉबर्ट क्लाइव ने ही की थी। द्वैध शासन के जनक - लियोनेल कर्टिस }
  • 1 अक्टूबर, 1926 को भारत में पहला लोक सेवा आयोग बना था
  • केन्द्र का बजट और राज्य के बजट को अलग-अलग कर दिया गया।
  • इस समय वायसराय रहें - लार्ड चेम्सफोर्ड { कार्यकाल 1916 - 1921 तक }
  • इस समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री लाॅयड जार्ज था।
भारत शासन अधिनियम 1935 :
  • लागू हुआ - 1937 में , निरस्त - 26 जनवरी 1950 को  {अनुसूचियां - 10 , अनुच्छेद - 321}
  • इसके तहत साम्प्रदायिक निर्वाचन का पुनः विस्तार किया गया, जिसमें दलित, मजदूर, महिला आदि वर्ग सामिल किये।
  • यह लॉर्ड लिनलिथगो के नेतृत्व वाली संयुक्त चयन समिति की रिपोर्ट पर आधारित था। लार्ड लिनलिथगो 1936 से 1944 तक भारत के वायसराय थे।
  • राज्य में द्वैध शासन समाप्त कर, केन्द्र में द्वैध शासन किया गया।
  • भारत में संघीय न्यायालय ( 01 Oct 1937 ) की स्थापना की गयी। प्रथम मुख्य न्यायाधीश बने - मॉरिस लिंफोर्ड गियर
  • RBI की स्थापना गई। जिसके पहले गर्वनल जनरल बने - ओसबोर्न स्मिथ
भारत का अंतिम वायसराय - लॉर्ड लॉरेंसमाउंटबेटन {12-02-1947 to 15-08-1947}
इसने भारत को आज़ादी दिलाने के लिए माउंटबेटन योजना ( 3 Jun 1947 ) प्रस्तुत की, जिसे 18 जुलाई 1947 को शाही स्वीकृति प्राप्त हुई। इस समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली था।

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 :
  • प्रस्ताव पेश - 4 July 1947, पारित - 18 July 1947 , धाराएं - 20
  • इसके तहत भारत का विभाजन हुआ ( 15 अगस्त 1947 में )
  • वायसराय पद गर्वनर जनरल पद बन गया और स्वतंत्र भारत के प्रथम गर्वनर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन को ही बनाया गया।
  • स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय व्यक्ति गर्वनर जनरल सी. राजगोपालाचारी थे।

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