आपात उपबंध
अनुच्छेद 352 : आपात की उद्घोषणा ( राष्ट्रपति आपातकाल )
- राष्ट्रपति , देश में युद्ध, बाहरी हमला, या आंतरिक अशांति की वजह से आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं.
- राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सलाह पर आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं.
- राष्ट्रपति, इसको मंत्रिमंडल की सलाह पर वापस ले सकते हैं।
अनुच्छेद 353 :आपात की उद्घोषणा का प्रभाव
- राज्य की सरकार केन्द्र सरकार के अनुसार काम करेगी।
- संसद राज्य सूची पर कानून बना सकेगी।
अनुच्छेद 354 : जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना
- राष्टपति, केन्द्र और राज्य के बीच के राजस्व वितरण पर नियम बना सकेगा।
अनुच्छेद 355 : बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य
अनुच्छेद 356 : राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की वजह से आपातकाल की घोषणा
- आपातकाल घोषणा के दिन से दो माह तक लागू रहेगा।
- जब साधारण बहुमत से संसद इसे पारित कर दे तो 6 माह तक लागू रहेगा।
- राष्ट्रपति, इसको बिना मंत्रिमंडल की सलाह पर वापस ले सकते हैं कभी भी।
अनुच्छेद 357 : अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियां राष्ट्रपति में चली जायेगी।
- उस राज्य की विधानसभा निलम्बति कर दी जाती है।
- ऐसे राज्य पर अध्यादेश जानी करने का अधिकार राष्ट्रपति का होगा।
अनुच्छेद 358 : आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों का निलंबन
अनुच्छेद 359 : आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तन का निलबंन केवल अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर
अनुच्छेद 360 : वित्तीय आपात के बारे में उपबंध
- आपातकाल घोषणा के दिन से दो माह तक लागू रहेगा।
- जब साधारण बहुमत से संसद इसे पारित कर दे तो 6 माह तक लागू रहेगा।
- राष्ट्रपति, इसको बिना मंत्रिमंडल की सलाह पर वापस ले सकते हैं कभी भी।
- केन्द्र, कर्मचारियों का वेतन कम या रोका भी किया जा सकता है।
Exam Point :
अब तक आपात उपबन्ध की घोषणा -
- 1962 - चीन ने जब युद्ध किया
- 1971 - पाकिस्तान के साथ युद्ध पर
- 1975 - इन्दिरा गांधी की सरकार के समय में
- जैसे ही आपात उपबन्ध की घोषणा होगी तुरन्त अनुच्छेद 358 और 359 अपने आप लागू हो जायेंगें।
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